मोटापा - कारण एवं बचाव
मोटापा और वजन बढ़ने की समस्या आजकल आम हो गई है आज के प्रमुख रोगों में एक है
मोटापा जो खुद तो एक रोग है ही,दूसरी कई जानलेवा रोगी की जड़ भी है। अधिकांश समस्या
मोटापे से जुड़ी है। जब हम अधिक मात्रा में खाना पीना निरन्तर जारी रखते है तब
चर्बी बढ़ने से हमारा वजन बढ़ना जारी रहता है। इससे मोटापे (obesity) से ग्रस्त हो
जाते है। वजन बढ़ने का विज्ञान बड़ा सीधा है यदि हम खाने पीने के रूप में जितनी
कैलोरी ले रहे है उतनी यदि खर्च नहीं कर पाते तो हमारा वजन बढ़ना तय है।
कारण- शरीर में मोटापा बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारक वंशानुगत तत्व भी होता है। यदि माता पिता
मोटापे से ग्रस्त है तो बच्चो में इसकी संभावना बढ़ जाती है।
दैनिक जीवन में शारीरिक श्रम का नहीं होना वजन बढ़ने व मोटापा होने का एक बड़ा कारण होता है।
आवश्यकता से अधिक और बार - बार खाने पीने की गलत आदत के कारण आजकल जंक फ़ूड, फास्ट फूड जैसे पिज्जा, बर्गर,केक, पेस्ट्री, बेकरी प्रोडक्ट, आइसक्रीम, मिठाई, मेदा से बनी वस्तुएं कोल्ड ड्रिंक्स, मीठी चाई, कॉफी आदि का चलन बहुत ही बढ़ गया है। इसमे फायबर की कमी होती है
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में ऊर्जा की तथा खान पान की आवश्यकता काम हो जाती है। अतः अधिक मात्रा में खान पान से वजन व मोटापा बढ़ने की संभावना अधिक रहती है।
बचाव
इनके सेवन से दूर रहें - जंक व फूड, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ,मेदा,से बने तथा बेकरी प्रोडक्ट, मिठाई व आइसक्रीम, तले हुए व अधिक तेल, घी से बने चीजे, मीठे फल जैसे केला,अंगूर आदि। सब्जी में भिंडी, आलू, अरबी,चावल, मास के सेवन से दूरी बनाए रखे।
प्रांत: काल व्यायाम करें।
अधिक से अधिक पैदल चले।
खूब पानी पिएं।
रोजाना नींबू पानी ले।
नाश्ते में मोसंबी फल, दलिया, ओट्स, ब्राउन ब्रेड, अंकुरित अनाज को शामिल करते।
भोजन में सुबह व शाम को गेहूं जौ, चने के आटे की बनी रोटी, मुग,की छिलके वाली दाल, कम तेल व घी से बनी हरी सब्जियों और कच्चे सलाद का अधिक सेवन करे।
भोजन के तुरंत बाद नहीं सोए।
कम फेट वाले दूध का इस्तेमाल करे।